क्या अत्यधिक व्यायाम से दिल का दौरा और कार्डियक अरेस्ट हो सकता है? विशेषज्ञ की राय जानें
कोविड महामारी के बाद पूरे देश में दिल के मामलों में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। पिछले कुछ महीनों में हमने कई लोगों को दिल से जुड़ी बीमारियों के कारण मरते देखा है। कुछ ऐसे मामले भी सामने आए हैं जहां जिम में एक्सरसाइज करने के दौरान अटैक और मौत हो गई। कुछ महीने पहले कॉमेडियन राजू श्रीवास्तव को जिम में ट्रेडमिल पर दौड़ते समय अटैक आया था। इससे पहले अभिनेता सिद्धार्थ शुक्ला और कन्नड़ फिल्म स्टार पुनीत राजकुमार का भी दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया था।
एसजेआईसीएसआर में 2,000 लोगों के एक अध्ययन से पता चलता है कि 25-40 वर्ष की आयु के लोगों में दिल के दौरे की घटनाएं बढ़ रही हैं। पिछले पांच वर्षों में ऐसे मामलों की संख्या में लगभग 33 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। इस बीच सवाल यह भी उठता है कि आखिर युवाओं में हार्ट अटैक के मामले क्यों बढ़ते जा रहे हैं। क्या अत्यधिक व्यायाम से दिल का दौरा पड़ सकता है? यदि हां, तो इससे बचने के लिए युवाओं को क्या करना चाहिए?
इंडो यूरोपियन हेल्थकेयर के निदेशक डॉ. चिन्मय गुप्ता व्यायाम और हृदय रोग के बीच की कड़ी बताते हैं। यदि आप जिम में अपनी क्षमता से अधिक भार उठाते हैं, तो मांसपेशियां तनावग्रस्त हो जाती हैं। कभी-कभी अचानक भारी वजन उठाना और भारी वर्कआउट करना भी हृदय के वाल्व को प्रभावित कर सकता है। हालांकि, जो लोग स्वस्थ हैं और जिन्हें दिल की कोई समस्या नहीं है, उनके लिए व्यायाम से हृदय रोग का कोई खतरा नहीं होता है। ऐसे में जरूरी है कि युवाओं को अपने दिल की जांच करानी चाहिए। क्योंकि बाहर से अच्छा दिखने का मतलब यह नहीं है कि आपका दिल भी फिट रहेगा। यदि परीक्षण में कोई हृदय रोग या उच्च कोलेस्ट्रॉल दिखाई देता है, तो इसे कम किया जाना चाहिए।
डॉक्टर के अनुसार जिन लोगों को हृदय रोग है उन्हें व्यायाम करने से पहले बहुत सावधानी बरतनी चाहिए। जिम जाने से पहले डॉक्टर से सलाह लेना बहुत जरूरी है। एक्सरसाइज करते समय इस बात का ध्यान रखें कि वर्कआउट की शुरुआत ज्यादा भारी न हो। यह भी देखें कि आप लंबे समय से व्यायाम नहीं कर रहे हैं। कोशिश करें कि ट्रेडमिल पर 20 मिनट से ज्यादा न दौड़ें और डॉक्टर की सलाह के अनुसार ही वर्कआउट करें।
कोविड और मानसिक तनाव हैं हार्ट अटैक के प्रमुख कारण
राजीव गांधी अस्पताल के कार्डियोलॉजी विभाग के अजीत जैन का कहना है कि कोविड के बाद हृदय रोग में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। कोविड से संक्रमित लोगों के हृदय की धमनियों में रक्त के थक्के दिखाई देते हैं। जिससे हृदय को रक्त पंप करने में परेशानी हो रही है। जिससे कई बार हार्ट अटैक भी आ जाता है। युवाओं में बढ़ा मानसिक तनाव भी हृदय रोग का एक प्रमुख कारण है। खराब खान-पान, खराब लाइफस्टाइल और धूम्रपान कम उम्र में ही दिल की बीमारियों का कारण बन रहे हैं।
व्यायाम और हृदय संबंध पर डॉ. अजित कहते हैं कि अभी तक ऐसा कोई अध्ययन नहीं हुआ है जिसमें कहा गया हो कि जिम में व्यायाम करने से दिल का दौरा अन्य कारणों से हो सकता है।
युवाओं को क्या करना चाहिए?
इस बारे में डॉ. गुप्ता का कहना है कि दिल की बीमारियों से बचने के लिए सबसे जरूरी है कि लोग अपने खान-पान का ध्यान रखें और अपनी जीवनशैली को ठीक करें. आहार में वसा की मात्रा कम करें। धूम्रपान न करें और शराब का सेवन न करें, बॉडी बिल्डिंग के लिए स्टेरॉयड न लें। अगर आप कोई सप्लीमेंट लेना चाहते हैं, तो पहले अपने डॉक्टर से सलाह लें। नियमित हृदय जांच करवाएं। इसके लिए लिपिड प्रोफाइल टेस्ट, ट्रेडमिल टेस्ट और चेस्ट एमआरआई किया जा सकता है।
यदि आप व्यायाम करते हैं, तो कभी भी अपनी क्षमता से अधिक व्यायाम न करें। यदि कोलेस्ट्रॉल अधिक है या परिवार में किसी को हृदय रोग है, तो डॉक्टर की सलाह के अनुसार व्यायाम करें और सुनिश्चित करें कि जिम या व्यायाम स्थल में प्राथमिक चिकित्सा की सुविधा मौजूद है।