कोरोना लेकर आई नई आपदा, मरीजों में बढ़ा डायबिटीज का खतरा, ब्लड शुगर के 7 लक्षणों पर रखें नजर
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कोरोना लेकर आई नई आपदा, मरीजों में बढ़ा डायबिटीज का खतरा, ब्लड शुगर के 7 लक्षणों पर रखें नजर
एक नए अध्ययन में पाया गया है कि कोरोना वायरस मरीजों में ब्लड शुगर बढ़ा सकता है। हम आपको बता रहे हैं कि अगर आप हाल ही में कोरोना से पीड़ित हुए हैं या आप कोरोना से ठीक हुए हैं तो आपको किन लक्षणों और कारकों पर ध्यान देना चाहिए।
बेशक कोरोनावायरस के मामले कम हुए हैं, लेकिन खतरा पूरी तरह खत्म नहीं हुआ है। SARS-Co-2 वायरस एक नए रूप में उभर रहा है और कहर बरपा रहा है। इतना ही नहीं, लंबे समय से यह वायरस मरीजों के स्वास्थ्य को प्रभावित कर रहा है। ठीक होने के बाद मरीजों में कई गंभीर साइड इफेक्ट देखने को मिलते हैं।
श्वसन प्रणाली के अलावा, कोरोना वायरस शरीर के अन्य हिस्सों जैसे हृदय, ऊतकों और आपके तंत्रिका तंत्र को भी प्रभावित कर सकता है। इसके अलावा, वायरस उन लोगों के लिए घातक हो सकता है जिन्हें उच्च रक्तचाप, हृदय रोग या मधुमेह जैसी समस्याएं हैं।
एक नए अध्ययन में पाया गया है कि कोरोना वायरस मरीजों में ब्लड शुगर बढ़ा सकता है। हम आपको बता रहे हैं कि अगर आप हाल ही में कोरोना से पीड़ित हुए हैं या कोरोना से ठीक हुए हैं तो आपको किन लक्षणों और कारकों पर ध्यान देना चाहिए। इससे आपको समय पर मधुमेह के लिए उचित उपचार प्राप्त करने में मदद मिल सकती है।
कोविड से मधुमेह का खतरा क्या है?
मैसाचुसेट्स विश्वविद्यालय के एक अध्ययन से पता चलता है कि कोरोनावायरस से संक्रमित कई रोगियों के रक्त शर्करा के स्तर में अचानक वृद्धि हुई है। शोधकर्ताओं का कहना है कि कोरोना उन लोगों को प्रभावित कर सकता है जिन्हें पहले से ही मधुमेह है और वे कोई ठोस कदम नहीं उठा रहे हैं।
रक्त शर्करा के स्तर में तेजी से वृद्धि
वही रिपोर्ट बताती है कि कई मामलों में संक्रमण से ठीक होने के कुछ दिनों बाद ब्लड शुगर तेजी से बढ़ता है लेकिन दवा लेने के बाद कम हो जाता है। जर्नल ऑफ डायबिटीज एंड कॉम्प्लिकेशंस में प्रकाशित, शोधकर्ताओं की रिपोर्ट है कि इन रोगियों को थोड़े समय के लिए केवल इंसुलिन या अन्य दवाओं की आवश्यकता हो सकती है।
कोरोनरी मधुमेह के लक्षण क्या हैं?
अगर आप कोरोना से उबर चुके हैं या इलाज करा रहे हैं, तो संभावना है कि आपको मधुमेह होने का खतरा है। ऐसे में आपको प्यास, थकान, भूख न लगना, वजन कम होना, बार-बार पेशाब आना, जननांगों के आसपास खुजली और धुंधला दिखना जैसे लक्षणों पर कड़ी नजर रखनी चाहिए और तुरंत डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।
यह किस प्रकार का मधुमेह है?
शोधकर्ता अभी भी इस बात को लेकर असमंजस में हैं कि यह किस प्रकार का मधुमेह है (टाइप 1 या टाइप 2)। हालांकि, टाइप 1 मधुमेह काफी हद तक अनुवांशिक है, इसलिए कुछ वैज्ञानिक अनुमान लगा रहे हैं कि इस श्रेणी के लोगों में कोरोना के साथ मधुमेह विकसित होने की संभावना कम है। लेकिन अध्ययन के इस स्तर पर अभी कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी।
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