धनिया पत्ती, तुलसी और पोदीने के कुछ आयुर्वेदिक लाभ
धन्य धनिया पत्ती
यह कोलेस्ट्रॉल नहीं बढ़ने देती। इसे खाने से मुंह के अल्सर, अनीमिया, अपच और माहवारी की समस्याओं में आराम मिलता है। यह प्रेरक की तरह काम करती है। धनिए के बीच खाने से माहवारी में अत्याधिक रक्तस्त्राव की समस्या दूर होती है। धनिया खाने से ठंडक मिलती है। सूखे धनिए को भिगो कर सुबह इसका पानी पीने से पेट की जलन में आराम मिलता है। सूखे धनिए को भिगो कर सुबह् इसका पानी पीने से पेट की जलन में आराम मिलता है। धनिए की पत्ती पीस कर लाल सूजे पिंपल पर लगाएं, फायदा होगा।
अतुलनीय तुलसी
तुलसी सेहत के लिए सबसे चमत्कारी मानी जाती है। यह एंटी ऑक्सीडेंट, पोटैशियम, विटामिन ए और सी का बेहतरीन स्त्रोत है। यह एंटी झ्न्फ्लामेद्री गुणों से भरपूर हैं। इसे खाने से रोग प्रतिरोधक प्रणाली मजबूत होती है और खांसी-जुकाम और बुखार में राहत मिलती है। इससे मलेरिया बुखार में भी लाभ होता है। उल्टी की शिकायत हाेने पर 1 गिलास तुलसी के जूस में चुटकीभर काली मिर्च डाल कर पिएं। तुलसी जूस बनाने के लिए 10-20 ग्राम तुलसी के पत्तों में पानी मिला कर पीस लें और फिर इसे छान लें।
पोदीना पत्ती
पोदीना पत्ती से केवल खाने का स्वाद ही नहीं बढ़ता, बल्कि यह कई तरह से हमारे लिए उपयोगी है। पोदीने की चाय पीने से स्टेमिना (आंतीरक शक्ति) बढता है। यह शरीर से आतिरिक्त गरमी बाहर निकालता है और खांसी-जुकाम में भी मददगार है। यह नर्वस सिस्टम को एक्तिव करता है। यह ज्ञानेंदियों में एक तरह से नयी जान फूंकता है और अपच से छुटकारा मिलता है। इसमें कैल्शियम, फास्फोरस, जिंक, कॉपर, मैगनीशियम और मैगनीज जैसे खानिज तत्व होते है।
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