26 जनवरी से जुडी कुछ 16 एतिहासिक रोचक बातें, जरूर पढियें
26 जनवरी को हमारे लिए बहुत महत्व है। 15 अगस्त, 1947 को भारत को आजादी मिली थी, किन्तु उस समय भारत पूर्ण गणराज्य नहीं बन सका था। इस 15 अगस्त, को लगभग ढाई वर्ष पश्चात 26 जनवरी, 1950 से ही हमारा अपना संविधान अपने देश में लागू हुआ और तब से भारत एक पूर्ण गणराज्य घोषित किया गया था। तब से तो सब कुछ अपना था अपना देश, अपना राज्य, अपना संविधान आदि।
उसी दिन से 26 जनवरी को हम लोग ‘गणतंत्र दिवस’ के नाम से मनाते हैं। यह दिन एक ओर जहां हममें प्रसन्नता, विश्वास, अभिमान भरता है, वहीं यह दूसरी ओर देश की आजादी के लिए किए गए अनगिनत संघर्षों की याद भी दिलाता है। आज तो यह हम सबके लिए एक पावन, स्मरणीय व प्रेरणादायक दिन बन गया है।
26 जनवरी का राष्ट्रीय व अंतराष्ट्रीय स्तर पर अन्य अनेकों घटनाओं की वजह से भी महत्व है। अपने पाठकों के लिए हम उनमें से कुछ महत्वपूर्ण घटनाओं का वर्णन कर रहे हैं- आज से 833 वर्ष पूर्व इसी 26 जनवरी के दिन राजा बीसलदेव ने घमासान युद्ध के बाद दिल्ली के तख्त पर अधिकार प्राप्त किया था। यह सन् 1164 ई. की बात है।
मोहम्मद गोरी का नाम अधिकांश पाठक जानते ही होंगे। मोहम्मद गोरी ने सन् 1165 ई. की 26जनवरी को मुल्तान पर विजय प्राप्त की थी।
अलाउद्दीन खिलजी भी इतिहास का एक प्रसिद्ध पात्र है। इसी 26 जनवरी के दिन सन् 1299 ई. में अलाउद्दीन खिलजी ने अपना महत्वपूर्ण युद्ध लड़ते हुए। रणथम्भौर के किले की नाकाबंदी की थी।
26 जनवरी 1333 ई. में इब्न बतूता भ्रमण करता हुआ भारत पहुंचा था। आज उसके भारत आगमन की घटना को 664 वर्ष हो गए हैं।
मुगल साम्राज्य का काफी लम्बे समय तक भारत पर राज्य रहा। मुगल शासक हुमायूं का भी 26 जनवरी से संबंध रहा है। इसी दिन उसकी मृत्यु हुई थी। वह सन् 1556 ई. की बात है।
मैसूर के शासक टीपू सुल्तन को कौन नहीं जानता? टीपू सुल्तान ने अंग्रेजों से जमकर लोहा लिया था। 26 जनवरी 1792 ई. को टीपू सुल्तान व अंग्रेजों के बीच हुआ युद्ध इतिहास प्रसिद्ध है।
अंग्रेजों सरकार की इस देश पर लम्बे अर्से तक हुकूमत रही। वे एक साथ सारे देश के शासक नहीं बन गए थे, बल्कि एक-एक राज्य को जीतते हुए अपने शासन में मिलाते गए थे। इसी क्रम में 26 जनवरी, 1932 ई. को अंग्रेजों ने काबुल में सर्वप्रथम प्रवेश किया था।
अंग्रेजी हुकूमत ने अपने शासन के आते ही समाचार पत्रों की स्वतंत्रता पर प्रतिबंध लगा दिया था। इसके विरुद्ध काफी संघर्ष हुए जिसके फलस्वरुप 26 जनवरी 1835 को अंग्रेजों को झुकना पड़ा और समाचार पत्रों को स्वतंत्रता प्रदान करनी पड़ी।
भारत में पहली बार रेलगाड़ी 16 अप्रैल 1853 को चली थी। मुंबई से थाना तक चली इस रेलगाड़ी ने भारत में नए युग का सूत्रपात किया था। किन्तु कम ही लोग जानते होंगे कि वास्तव में भारत में पहली बार रेल व्यवस्था की स्थापना 26 जनवरी के दिन की गई थी। यह वर्ष था 1853 का। यानि, अपनी व्यवस्था की स्थापना के लगभग ढाई माह बाद पहली रेल चल पाई थी। आज न्यायपालिका को समाज में सर्वोच्च स्थान प्राप्त है। कोई भी व्यक्ति न्यायालय में जाकर न्याय प्राप्त कर सकता है। इस क्षेत्र की एक महत्वपूर्ण घटना 26 जनवरी 1862 को हुई थी, जबकि मुंबई हाईकोर्ट की स्थापना की गई थी।
मिश्र राष्ट्र के पास स्थित तथा दो महासागरों को मिलाने वाली विश्व प्रसिद्ध स्वेज नहर का नाम आपने सुना ही होगा। इस नहर का निर्माण 26 जनवरी को पूरा हुआ था, यानि आज से कोई 128 वर्ष पहले।
पहली बार रेलगाड़ी चलने का जिक्र ऊपर किया गया है। किन्तु देश के पश्चिमी छोर तक पहली रेल सेवा 26 जनवरी 1876 को प्रारंभ हुई थी। यह रेलगाड़ी भारत के प्रमुख उद्योग केन्द्रों और अब महानगरों मुंबई और कोलकाता के बीच चली थी।
टेलीफोन का आविष्कार एक आश्चर्यजनक घटना है। आज इसके प्रयोग से बहुत सहूलियतें हो गई है। भारत के तीन प्रमुख शहरों मुंबई, कोलकाता व मद्रास में एक साथ ही पहली बार टेलीफोन सेवा शुरु की गई थी। यह ऐतिहासिक दिन था 26 जनवरी, 1882 का।
अंतर्राष्ट्रीय मंच पर ब्रिटिशर ब्रॉडकास्टिंग कारपोरेशन (बी.बी.सी.) का नाम विशेष महत्व रखता है। यह इंग्लैंड के लंदन में स्थित है। शायद आप न जानते हों कि पूरी दुनिया में प्रतिष्ठित इस बी.बी.सी. रेडियो स्टेशन की स्थापना आज से कोई 113 वर्ष पूर्व हुई थी। दिन था 26 जनवरी का और वर्ष था 1884 का।
पूज्य बापू के जन्म स्थान पोरबंदर (गुजरात) में 26 जनवरी 1886 को रेलवे स्टेशन का निर्माण किया गया था। यह दूसरी बात है कि तब उस स्थान को कोई नहीं जानता था।
भारतीय स्वतंत्रता संग्राम की अन्तिम लड़ाई भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के झंडे तले लड़ी गई थी। सभी प्रमुख स्वतंत्रता सेनानी इस अंग्रेजी पार्टी से संबंध रहे।
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