इस फल को खाने से शरीर को मिलते हैं जबरदस्त फायदे, जाने अभी
यह फल बहुत ही स्वादिष्ट है. यह फल आसानी से हजम होता है भूख बढती है. पपिता का रस और पपिता खाने से सिर दर्द, कब्ज, आम्लपित, दस्त की पेशाब, हृदय रोग आतो की कमजोरी, यकृत, दात, पेट की बिमारी, अपचन, नारूरोग, सौंदय, बवासीर, हड्डी का तुटना, उल्टी होणा, प्लेग रोग, एडीया, हैजा, मुहासे, टांसिल बढना आदि रोगो में इस का लाभ मिलता है.
कच्छे पपिता का दुध और एक कप गाय का दुध दोनो को मिलाकर गुनगुने पानी में मिलाकर गरारे करणे से टांसिल में लाभ मिलता है. इस के अलावा गले में दर्द होने पर एक ग्लास गुनगुने पानी में दो चमच कच्छे पपिता का दुध मिलाकर गरारे करणे से गले का दर्द और टांसिल में रहात मिलेगी.
शरीर में आम्लपित
अगर शरीर में आम्लपित बढ जायेगा या कडवि डकारे आनेपर 200 ग्राम पपिता को सेधा नमक काली मिर्च, इन तीनो को एक साथ मिलाकर इस का रस एक कप में निकाले और उस में एक चमच निंबू निचोडकर पिनेसे कडवी डकार, आम्लपित ये दोनो रोगो से राहत मिलेगी.
यकृत रोग से अगर कोई पिडीत है एैसे इन्सान को पपिता के सुखे बीज का चूर्ण कम से कम तीन या चार ग्राम, दो चमच निंबू का रस मिलाकर पिनेसे यकृत की बिमारी दूर होने में मदत मिलेगी या फिर दो चमच पपिता के दुध में आदा चमच चिनी मिलाकर पाच दिन लगातार सुबह पिनेसे यकृत का रोग ठीक होगा.
खासकर महिलाओ के लिये चेहरे का सौंदय बढाने के लिये और शरीर, त्वचा सुंदर और चमकीले सुडौल बनाने के लिये पपिता का सेवन बहुत जरुरी है. पाच ग्राम पपिता का गुदा, एक चमच लिंबू का रस, एक चमच गुलाब जल एक चमच टमाटर का रस इन सभी को एक साथ मिलाकर यह रस चेहरे पर लगाये 20 मिनिट के बाद चेहरे को ठंडे पानी से धोये यह प्रकिया कुच्छ दिन करणे से त्वचा दाग रहित, मुहासे रहित, झागिया रहीत, सुंदर, कोमल, चिकणी, मुलायम बनेगी.