अस्थमा के मरीज करें यह योग मुद्रा, सांस की तकलीफ से मिलेगी राहत
हेल्थ डेस्क . अस्थमा एक ऐसी समस्या है जो आजकल अधिक से अधिक लोगों को प्रभावित कर रही है। इस वजह से श्वास और फेफड़े का कार्य ठीक से नहीं हो पाता है। अस्थमा रोगी के गले और छाती को प्रभावित करता है। प्रदूषण, धूम्रपान इस बीमारी का कारण है। यह अक्सर अनुवांशिक भी पाया गया है। इसलिए यदि कोई दमा से पीड़ित है तो उसे योग के इन आसनों का सहारा लेना चाहिए। इनके नियमित अभ्यास से राहत मिलती है।
अर्ध मत्स्येन्द्रासन
इस आसन को करने से पहले अपने दोनों पैरों को सीधा फैला लें। इसके बाद बाएं पैर को मोड़कर एड़ी पर बैठ जाएं। अब अपने दाहिने पैर के घुटने को मोड़कर बाएं पैर की जांघ के ऊपर उठाएं और जांघ के पीछे जमीन पर रखें। इसके बाद अपने बाएं हाथ को दाहिने पैर के घुटने के ऊपर से पार करें और दाहिने पैर को पकड़ें। अब अपने दाहिने हाथ को अपनी पीठ के पीछे रखें। अपने सिर को दाईं ओर घुमाएं ताकि आपकी ठुड्डी और बायां कंधा एक सीधी रेखा में हों। नीचे मत झुको। छाती सीधी रखें।
सुखासन
सुखासन के अभ्यास के लिए समतल जगह पर चटाई बिछाकर एक शिष्य पर बैठ जाएं। इस आसन को करते समय मन को शांत और तनावमुक्त रखना चाहिए। अब कमर को सीधा रखते हुए अपने शरीर को सीधा रखें। इसके बाद अपने दोनों हाथों की अंगुलियों को खोलकर अपने घुटनों पर रखें। अब हमेशा की तरह प्राणायाम करते हुए इसी मुद्रा में बैठ जाएं।
प्राणायाम
इस प्राणायाम में हम बायीं नासिका से श्वास लेते हैं और दायीं नासिका से श्वास छोड़ते हैं। इसी तरह यदि आप दाहिनी नासिका छिद्र से श्वास लेते हैं, तो बायीं नासिका से श्वास छोड़ें। इस प्राणायाम के नियमित अभ्यास से शरीर की सभी नसों का इलाज होता है जिससे वह स्वच्छ और स्वस्थ रहता है