इस वजह से बढ़ जाता है ल्यूकीमिया ब्लड कैंसर का खतरा

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ब्लड कैंसर की शुरूआती स्टेज को ल्यूकीमिया कहा जाता है। इस बीमारी का इलाज किया जा सकता है लेकिन ये तभी ज्यादा मुम्किन होता है जब इसका पता शुरुआत में ही लग जाए। ल्यूकीमिया में मरीज के अंदर खून की कमी हो जाती है जिस कारण थकान, चक्कर आना, उल्टी होना आदि समस्याएं होने लगती हैं। आज हम आपको ऐसी बातें बताएंगे जिनके कारण ल्यूकीमिया का खतरा बढ़ जाता है।

कैंसर के इलाज के दौरान बढ़ जाता है खतरा

ल्यूकीमिया का खतरा उन लोगों में भी ज्यादा बढ़ जाता है जिनका पहले भी कैंसर का इलाज हो चुका हो। ऐसे मरीज जो पहले कैंसर के इलाज के लिए रडियोथेरेपी या कीमोथेरेपी ले चुके हों उनमें ल्यूकीमिया का खतरा सामान्य लोगों की तुलना में ज्यादा बढ़ जाता है।

धूम्रपान करने वाले लोग

धूम्रपान करने वाले लोगों में ल्यूकीमिया का खतरा काफी हद तक बढ़ जाता है। धूम्रपान आपके शरीर को कई तरह से नुक्सान पहुंचाता है। धूम्रपान जैसे बीड़ी, सिगरेट और तंबाकू में निकोटीन नामक केमिकल पाया जाता है, ये केमिकल आपके शरीर की हेल्दी कोशिकाओं को मारता रहता है। इसी कारण धूम्रपान करने वाले लोगों में ल्यूकीमिया का खतरा बढ़ जाता है।

रेडिएशन के कारण ल्यूकीमिया का खतरा

रेडिएशन आपको नुक्सान पहुंचाती है। ऐसे लोग काफी उच्च स्तर की रेडिएशन स्थान के संपर्क में रहते हैं या किसी परमाणु रिएक्टर जैसी दुर्घटना का शिकार हो चुके हैं उनमें ल्यूकीमिया का खतरा बढ़ जाता है।

अनुवांशिक कारण

कई बार ऐसा भी देखा गया है कि अगर परिवार के किसी सदस्य को ल्यूकीमिया हुआ हो तो अन्य सदस्यों को भी ल्यूकीमिया होने का खतरा बना रहता है। इसके अलावा अगर किसी को खून से संबंधित कोई समस्याएं होती हैं उन लोगों में भी ल्यूकीमिया होने का खतरा बढ़ जाता है।

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