मध्य प्रदेश पुलिस पर हमला करने के जुर्म में 39 लोगों को 7 साल की सजा

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मध्य प्रदेश के खंडवा जिले की एक सत्र अदालत ने आठ साल पहले कर्फ्यू के दौरान पुलिस अधिकारियों पर हमला करने के मामले में 39 लोगों को सात साल के सश्रम कारावास की सजा सुनाई है। आपको बता दें कि घटना 30 और 31 जुलाई 2014 की दरम्यानी रात की है. इमलीपुरा निवासी सुशील कुमार की हत्या के बाद जिले में तनाव व्याप्त हो गया। जिसके चलते कलेक्टर ने सीआरपीसी की धारा 144 के तहत आदेश जारी कर दिए। पुलिस ने इस घटना के सिलसिले में 4 नाबालिगों समेत 46 आरोपियों को गिरफ्तार कर हमले में इस्तेमाल किए गए हथियार जब्त कर लिए हैं.

घासपुरा इलाके में कर्फ्यू लागू करने आई पुलिस अधिकारियों की एक टीम ने देखा कि आधी रात के आसपास कुछ निवासियों का एक समूह अपने घरों के बाहर जमा हो गया था। जिसके बाद पुलिस ने उन्हें घर जाने को कहा, लेकिन भीड़ ने उनका विरोध किया और जान से मारने की धमकी दी. पुलिस ने इस संबंध में कंट्रोल रूम को सूचना दी। इसके बाद ही क्षेत्र के लोगों ने उन पर पत्थर, डंडे और कुल्हाड़ी से हमला कर दिया. जिसमें कोतवाली थाना प्रभारी अनिल शर्मा समेत करीब 15 पुलिसकर्मी घायल हो गये. इतना ही नहीं इलाके के लोगों ने पुलिस की कई वैन में भी तोड़फोड़ की.

अतिरिक्त लोक अभियोजक अभय दुबे ने बताया कि “मौके से गिरफ्तार किए गए 42 लोगों पर मुकदमा चला. इनमें से दो लोगों को बरी कर दिया गया और एक की सुनवाई के दौरान मौत हो गई। शेष 39 को तीसरे अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश प्राची पटेल की अदालत ने दोषी ठहराया और सात साल के कारावास और 6,500 रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई। सुनवाई के दौरान 33 गवाहों के बयान दर्ज किए गए। 39 अभियुक्तों को हत्या के प्रयास, दंगा, सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने और ईशनिंदा का दोषी ठहराया गया था।

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