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1984 सिख विरोधी दंगे: जगदीश टाइटलर को जमानत, सीबीआई को गवाहों से छेड़छाड़ की आशंका - Sabkuchgyan

1984 सिख विरोधी दंगे: जगदीश टाइटलर को जमानत, सीबीआई को गवाहों से छेड़छाड़ की आशंका

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दिल्ली की रोज एवेन्यू कोर्ट ने शुक्रवार को सिख विरोधी दंगों के आरोपी कांग्रेस नेता जगदीश टाइटलर को अग्रिम जमानत दे दी। विशेष न्यायाधीश विकास धुले ने कहा कि जगदीश अदालत की अनुमति के बिना देश नहीं छोड़ेंगे. साथ ही वे मामले से जुड़े सबूतों के साथ छेड़छाड़ नहीं करेंगे.

सीबीआई ने कोर्ट में जगदीश की जमानत का विरोध किया. एजेंसी की ओर से कोर्ट में पेश हुए वकील एचएस फुल्का ने कहा कि गवाह बहुत साहस दिखाते हुए आगे आए हैं. यदि आरोपी को जमानत मिल जाती है तो गवाहों को प्रभावित करने की संभावनाओं से इंकार नहीं किया जा सकता।

फुल्का ने कहा कि गवाहों के बयान के मुताबिक इस मामले में जगदीश की भूमिका सामने आयी है. टाइटलर ने लाइव टीवी पर वकीलों को धमकी दी। उन्होंने न सिर्फ गवाहों बल्कि मामले से जुड़े वकीलों को भी धमकी दी है. उन्हें बिल्कुल भी जमानत नहीं दी जानी चाहिए.’

उधर, मजिस्ट्रेट कोर्ट ने जगदीश को समन जारी कर 5 अगस्त को कोर्ट में पेश होने को कहा है. मामले में अग्रिम जमानत मिलने के बाद अब उन्हें गिरफ्तारी का खतरा नहीं है.

31 अक्टूबर 1984 को भारत के तत्कालीन प्रधान मंत्री की हत्या के बाद सिख विरोधी दंगे शुरू हुए। सीबीआई ने कहा कि नवंबर 1984 में दिल्ली के आजाद बाजार स्थित पुल बंगस गुरुद्वारे को भीड़ ने आग लगा दी थी.

पुल बंगस गुरुद्वारे के पास तीन सिखों ठाकुर सिंह, बादल सिंह, गुरुचरण सिंह को भीड़ ने जला दिया था. सिख विरोधी दंगों की जांच के लिए भारत सरकार द्वारा वर्ष 2000 में जस्टिस नानावटी आयोग का गठन किया गया था।

जस्टिस नानावटी आयोग की रिपोर्ट जारी होने के बाद तत्कालीन गृह मंत्रालय ने तत्कालीन सांसद और अन्य लोगों की जांच के लिए सीबीआई को आदेश दिया था. सीबीआई जांच में पाया गया कि जगदीश टाइटलर ने भीड़ को उकसाया था

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