मां लक्ष्मी ने स्वयं बताई वजह,शनिदेव ऐसे देते हैं व्यक्ति को कर्मों के फल, जानें पूरी कथा

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shani dev ki kahani in hindi, shani dev ki katha, skand puran mein shani katha, shani dev ke janm ki kahani, शन‍िदेव को क्‍यों म‍िला प‍िता सूर्य से ज्‍यादा प्रतापी होने का

Jyotish :-शनिदेव हर व्यक्ति को कर्मों के अनुसार फल प्रदान करने वाले देवता माने जाते हैं। शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या की जब भी कभी बात आती है तो सबके मन में एक अजीब सा डर आ जाता है। लेकिन आपको बता दें की शनिदेव से सबको डरने की जरुरत नहीं होती। कहा जाता है कि शनिदेव जीतने कड़े कष्ट देते हैं वैसे ही वे व्यक्ति को तरक्की भी दिलवाते हैं।

शनि अगर प्रसन्न हैं तो वे व्यक्ति को आसमान की बुलंदियों तक पहुंचा देते हैं वहीं अगर शनि प्रसन्न ना हों तो वे व्यक्ति को गरीबी में ला सकते हैं। आइए जानते हैं शनिदेव कैसे देते हैं कर्मों के फल

कथा के अनुसार शनिदेव ने स्वयं लक्ष्मी जी को बताई गरीबी व शनि के दंड की कहानी-

 

पौराणिक कथा के अनुसार एक बार मां लक्ष्‍मी ने शनिदेव से सवाल पूछा कि वह अपने प्रभाव से लोगों को धनवान बनाती हैं। लेकिन वह उनसे धन ही छीन लेते हैं। आखिर इसके पीछे क्‍या वजह है? क्‍यों वह लोगों को राजा से रंक बना देते हैं। इस पर शनिदेव ने कहा कि इसमें उनका कोई दोष नहीं है। यह तो व्‍यक्ति के कर्म हैं। जिसका उसे भुगतान करना पड़ता है।

शनिदेव ने कहा कि हे देवी परमात्‍मा ने मुझे कर्मों के अनुसार दंड देने का कार्य भार सौंपा है। जातक जब भी जान‍बूझकर दूसरों पर अत्‍याचार करते हैं। या फिर गलत कार्य करने वालों को आश्रय देते हैं तो ऐसी परिस्थिति में मैं उन्‍हें गंभीर से गंभीर दंड देता हूं। ताकि वह अपने कर्मों का पश्‍चाताप कर सकें। लेकिन कई बार लोग इसपर नहीं सुधरते। वह बार-बार गलत कार्यों को दोहराते रहते हैं। तब मैं उन्‍हें निर्धन बना देता हूं और गंभीर बीमारी से पीड़ित कर देता हूं।

 

माता लक्ष्मी को शनिदेव ने दिया साक्षात परिणाम

 

शनिदेव की बातों को सुनकर माता लक्ष्‍मी को सहसा विश्‍वास नहीं हुआ। थोड़ी ही देर में उन्‍होंने कहा कि वह ऐसा प्रमाणित करके दिखाएं कि कर्मों के आधार पर ही वह लोगों को दंडित करते हैं। तब देवी लक्ष्‍मी ने एक निर्धन व्‍यक्ति को धनवान और पुत्रवान बना दिया। दूसरे ही पल जैसे ही शनिदेव ने उनपर दृष्टि डाली वह फिर से भीख मांगने की स्थिति में पहुंच गया।

मां लक्ष्‍मी ने उसकी ऐसी हालत देखी तो शनिदेव से कहा कि वह इसके पीछे का रहस्‍य बताएं। तब शनिदेव ने माता लक्ष्मी को बताया कि इस व्यक्ति ने अपने पूर्व जन्म में अपना पूरा गांव उजाड़ दिया था और जरुरत मंद लोगों के बहुत सताया था। इसलिये इस व्यक्ति की ऐसी हालत हुई और अपने पूर्व जन्म के कर्मों को यह भुगत रहा है।

इसके बाद शनिदेव मां लक्ष्मी से कहते हैं कि- स्थितियां कैसी भी हों, लेकिन व्‍यक्ति को कभी भी गलत कर्मों में लिप्‍त नहीं होना चाहिए। सदैव सही मार्ग पर चलना चाहिए और अच्‍छे कर्म ही करने चाहिए। इससे व्‍यक्ति का लोक ही नहीं परलोक भी सुधर जाता है। इस पर माता लक्ष्‍मी ने कहा कि शनि देव धन्‍य हैं आप और आपकी कर्म विज्ञान की प्रधानता।

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