मणिपुर में हिंसा के बीच बिष्णुपुर में उग्रवादियों की अंधाधुंध फायरिंग में एक जवान शहीद

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मणिपुर में कुकी और मैतेई समुदाय के बीच पिछले तीन महीने से जारी हिंसा थमने का नाम नहीं ले रही है. जिसके चलते राज्य में 35 हजार से ज्यादा जवानों को तैनात किया गया है. हालांकि, कई इलाकों में हालात बेकाबू हो गए हैं. इसी हिंसा के बीच बिष्णुपुर में उग्रवादियों ने फिर अंधाधुंध फायरिंग की. जिसमें एक जवान शहीद हो गया है. इसके अलावा दोनों समुदायों के बीच हुई गोलीबारी में चार लोग घायल हो गये.

गौरतलब है कि 19 जुलाई को दो महिलाओं को निर्वस्त्र घुमाने का वीडियो वायरल हुआ था. इस घटना के बाद स्थिति फिर से बिगड़ने लगी जब चरमपंथियों के एक समूह ने चुराचांदपुर के तोरबुंग बाजार इलाके में कम से कम 10 खाली घरों और एक स्कूल में आग लगा दी.

भारतीय सेना ने AFSPA की मांग की

मणिपुर में जारी हिंसा के बीच सेना ने AFSPA की मांग की है. मणिपुर में भारतीय सेना और असम राइफल्स की टुकड़ियां मौजूद हैं. लेकिन AFSPA की अनुपस्थिति के कारण AFSPA की मांग की जा रही है क्योंकि सेना मणिपुर में कानून व्यवस्था तो बनाए रखती है लेकिन कोई कार्रवाई नहीं कर पाती है। मणिपुर में जारी जातीय हिंसा में 145 से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है और करीब 3500 लोग घायल हुए हैं. स्थिति को नियंत्रित करने के लिए मुख्यमंत्री के आदेश पर 3 मई से मणिपुर में भारतीय सेना और असम राइफल्स की कुल 123 टुकड़ियों को तैनात किया गया है, लेकिन सशस्त्र बल विशेष की अनुपस्थिति के कारण सेना मणिपुर में कानून व्यवस्था बनाए रख रही है। शक्तियाँ अधिनियम AFSPA

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