आखिर मरने के बाद हमारे साथ क्या होता है आइये जानते हैं इस रहस्य की सच्चाई !!
जब भी किसी आदमी की मृत्यु होती तो हम सभी उसको आर. पी. आई. यानी कि रेस्ट इन पीस कहते हैं हमारा यह मतलब होता है कि भगवान उसकी आत्मा को शांति प्रदान करें | कहीं ना कहीं हमें भी यह लगता है की मृत्यु के बाद कुछ तो ऐसा जरूर होता है तभी तो हम बोलते हैं कि भगवान उनकी आत्मा को शांति प्रदान करें तभी तो शांति की जरूरत होती है| लेकिन मृत्यु के बाद किसी भी चीज के बस जाने का अभी तक कोई प्रमाण नहीं मिला है |पशु पक्षी शोक सभा आयोजित नहीं करते क्योंकि उम्र क्योंकि के लिए एक वास्तविकता है जबकि मनुष्य के लिए मृत्यु अभी भी एक रहस्य है मरने के बाद रेस्ट इन पीस कहना हमारे हिंदू धर्म में नहीं यह एक इस्लामी पौराणिक कथा में है | किसी व्यक्ति के मर जाने के बाद शोक मनाना रेस्ट इन पीस कहना यह सब लोगों निजी लोगों की राय हैं जबकि पशु पक्षी ऐसा नहीं करते हैं वे शौक नहीं मनाते है | आज की दुनिया में यह लोगों का कहना है कि बुरे लोग नरक में जाते हैं और श्रद्धालु लोग स्वर्ग में जाते हैं पूर्वजों की भूमि को पूजा जाता है मरने के बाद भी किसी की पूजा की जाती है कोई मरने के बाद जीवित लोगों का संरक्षक बन जाता है यह विश्वास है या अंधविश्वास इस बात का अंदाजा अभी तक कोई भी वैज्ञानिक नहीं लगा | मौत आखिर एक रहस्य है |
किसी भी मनुष्य का जन्म कैसे होता है यह दुनिया कैसे चलती है जैसे हमारी बॉडी डेवलप होती भगवान क्या करते हैं कैसे भगवान इस दुनिया को चलाते हैं क्या चाहिए दुनिया चलती है अग्नि क्या है वायु क्या है आकाश पाताल धरती क्या है यह सब जानाना हमारे जीवन का उद्देश्य है |भारत देश के अंदर अभी भी लोग पुनर्जन्म में विश्वास करते हैं और भी इस जन्म में इतना ज्ञान प्राप्त करने की कोशिश करते हैं कि उनको पुनर्जन्म लेने की आवश्यकता ना पड़े आत्मा को बार-बार पुनर्जन्म लेना पड़ता है लेकिन लोगों की यह अवधारणा है कि हम जैसा कर्म करेंगे वैसे हमारा जन्म होगा | शव का अंतिम संस्कार करने के लिए हम उस मृत व्यक्ति की हड्डियों को नदी में प्रवाहित कर देते हैं |
जबकि ताकि हम चाहते हैं कि वह शांतिपूर्वक उसकी आत्मा को शांति मिले उस समय हम हिंदुओं को इस बात को याद दिलाता है कि शरीर मायने नहीं रखता किसी भी चीज में विश्वास करने के लिए यह हमारे हिंदू धर्म की अवधारणा है कि मरने के बाद शरीर को दक्षिण दिशा में रखा जाता है जहां से हर कोई अंत वापस लौटता है जबकि सच तो यह है कि ज्ञानी आदमी वहां तक जाता ही नहीं और हर धर्म में अंतिम संस्कार की अलग-अलग अवधारणा होती है | यह सब स्वीकार ना बहुत ही मुश्किल है हम चाहते हैं कि दुनिया हमारे इच्छा अनुसार काम करें सभी काम बिल्कुल निष्पक्ष तरीके से हो हमें यह लगता है की दौलत निष्पक्षता मानवाधिकार से हमारी जिंदगी आसान हो सकती है और यह सब हमारी समस्याओं का समाधान भी बन सकती कोई भी काम करने मैं मिली असफलता के बाद भी हम प्रयास करते रहते हैं उनको एक क्रांतिकारी युवा बताते हैं हमें यह लगता है कि यह सब प्राप्त करने के बाद हमें शांति प्राप्त होगी लेकिन कहीं ना कहीं हम यह बात भूल जाते हैं कि शांति केवल जिंदगी के प्रति मनोवैज्ञानिक प्रतिक्रिया है |
कोई भी आदमी जीवित आदमी के कभी काम नहीं आता लेकिन मरने के बाद सभी उसके जनाजे में पहुंच जाते हैं और भगवान से उनके शांति की दुआ मांगते हैं यह आजकल सबसे कड़वी सच्चाई है | लोगों का यह मानना है कि मरने के बाद भी आदमी पुनर्जन्म होता है लेकिन यह बात आज तक किसी वैज्ञानिक ने इसका प्रमाण नहीं दिया लेकिन जब यह जानना चाहते हैं कि हवा को इस दुनिया को इस पृथ्वी को आकाश को कौन चला रहा है लेकिन हम चाहते हैं कि यह दुनिया हमारे हिसाब से चलें तो यह एक मानसिक विचार है इसका कोई भी समाधान नहीं है विज्ञान के अनुसार यह सब एक अंधविश्वास है लेकिन फिर भी लोग मंदिरों में जाते हैं पूजा करते हैं हरिद्वार जाते हैं पैसा दान करते हैं बड़े-बड़े मंदिरों में बहुत बड़ी बड़ी रकम दी जाती है सभी लोग अपनी औकात के हिसाब से बात करते हैं कम पैसों वाला छोटा आदमी बड़े पैसों वाला बड़ा आदमी लेकिन उनको यह नहीं पता होता है कि मरने के बाद दोनों को ही मिट्टी में मिलना होता है यह बात उन्हें तब समझ आती है जब वह अपनी जिंदगी के अंतिम क्षण को जी रहा होता है मरने के बाद आदमी स्वर्ग में जाता है या नहीं यह किसी ने भी नहीं देखा है नरक में लेकिन लोगों की यह धारणा है कि अच्छा व्यक्ति स्वर्ग में जाता है और बुरा आदमी नरक में |