इसरो ने फिर रचा इतिहास, एक साथ लॉन्च किए सिंगापुर के 7 सैटेलाइट
भारत ने अंतरिक्ष के क्षेत्र में एक नया इतिहास लिखा है। इसरो ने रविवार (30 जुलाई) को एक साथ 7 सैटेलाइट लॉन्च किए। इनमें 1 स्वदेशी और छह सिंगापुर के उपग्रह शामिल हैं। इन उपग्रहों को आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा से पीएसएलवी-सी56 रॉकेट के जरिए लॉन्च किया गया।
PSLV-C56 इसरो की वाणिज्यिक शाखा न्यू स्पेस इंडिया लिमिटेड का एक मिशन है। पीएसएलवी-सी56 रॉकेट ने रविवार सुबह 6.30 बजे सिंगापुर के पृथ्वी अवलोकन उपग्रह डीएस-एसएआर और 6 अन्य उपग्रहों को लेकर उड़ान भरी। इस महीने बहुप्रतीक्षित चंद्रयान-3 के प्रक्षेपण के बाद एक महीने के भीतर पीएसएलवी-सी56 का प्रक्षेपण इसरो के लिए एक और बड़ी उपलब्धि है। इससे पहले 14 जुलाई को इसरो ने श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से एलवीएम-3 प्रक्षेपण यान को सफलतापूर्वक कक्षा में स्थापित किया था। रक्षा था इस साल यह इसरो का तीसरा व्यावसायिक मिशन है। इसरो ने इससे पहले मार्च में एलवीएम-3 रॉकेट से ब्रिटेन के वन-वेव से जुड़े 36 उपग्रहों को लॉन्च किया था। इसके बाद अप्रैल में पीएसएलवी रॉकेट लॉन्च किया गया सिंगापुर 2 उपग्रह प्रक्षेपित किये गये। डीएस-एसएआर को सिंगापुर की रक्षा विज्ञान और प्रौद्योगिकी एजेंसी और सिंगापुर की एसटी इंजीनियरिंग के बीच साझेदारी के तहत विकसित किया गया है।
प्रक्षेपण के बाद इस उपग्रह का उपयोग सिंगापुर सरकार की विभिन्न एजेंसियों की उपग्रह इमेजिंग आवश्यकताओं के लिए किया जाएगा। डीएस-एसएआर इज़राइल एयरोस्पेस इंडस्ट्रीज से विकसित सिंथेटिक एपर्चर रडार (एसएआर) से सुसज्जित है। इससे उपग्रह हर मौसम में दिन और रात की तस्वीरें लेने में सक्षम होगा। इसरो के विश्वसनीय रॉकेट पीएसएलवी की यह 58वीं उड़ान थी। पीएसएलवी रॉकेट को इसरो का वर्कहॉर्स कहा जाता है। यह विशाल रॉकेट ग्रहों को पृथ्वी की निचली कक्षा में सफलतापूर्वक स्थापित कर रहा है।